भगवान विष्णु को भगवान शिव ने वरदान दिया है कि आपका जो भी अवतार होगा। उस अवतार का दर्शन मैं अवश्य करूंगा। भगवान श्रीकृष्ण को जन्म के बाद उनकी सुरक्षा के लिए नन्द बाबा के यहां पहुंचा दिया गया था। तब नंद के यहां भगवान शिव ने मुनि के भेष में श्रीकृष्ण का दर्शन किए थे और भगवान श्रीकृष्ण को आशीष दिया था। जब अर्जुन ने भगवान शिव का तप किया था तब भगवान शिव ने अर्जुन को पासुपात अस्त्र प्रदान किया था और कहा था कि मैं श्रीकृष्ण से कहूंगा कि वह हमेशा पांडवो का साथ दें।
इसी तरह जब बाणासुर ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था तब भगवान श्रीकृष्ण ने बाणासुर के हजारों हाथों को काट दिया था। भगवान शिव के मना करने पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने उसका वध नहीं किया था। हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि जब हम प्रभु शिव को सम्मान देंगे तभी हमें भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और सभी देवताओं की कृपा प्राप्त होगी। इस बात का पालन हमे हमेशा सभी मनुष्य को करना चाहिए । रीता सिंह