कई असफलताओ के बाद मनुष्य को घबराना नही चाहिए, आइये जानते है असफलता के बाद सफलता की कहानी , अल्बर्ट आइंस्टीन , फिजिक्स वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने फ़ोटो इलेक्ट्रॉनिक इफेक्ट औऱ काँटाम सिद्धान्त दुनिया के सामने पेश किया ,क्या तुम्हें मालूम है कि आईंस्टीन खुद 4साल की उम्र तक बोल नही पाते थे ,औऱ 7 साल तक बे पढ़ भी नही पाते थे इस वजह से वे कई विषयों में पिछड़ गए थे ,उन्हें स्कूल से निकाल भी दिया गया था,उन्हें तो टीचर्स ने तो यहां तक कह दिया था,तुम नही सिख पाओगे। लेकिन उन्हें हर नही मानी ,औऱ थ्योरेटिकल , फिजिक्स में पीएच डी की अपने शोधोको प्रकाशित कराया , जिसके लिये बाद में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया ।उनकी दी गई जनरल थ्योरी रिलेटिविटी से तोआधुनिक फिजिक्स का ढांचा ही बदल गया । आइजैक न्यूटन, अक्सर हमलोग को कुछ विषयो में पढ़ने में मजा आता है ,ओर किसी मे मन नही लगता है, बिल्कुल उसी तरह न्युटन को सिर्फ गणित पढ़ना ही अच्छा लगता था, बाकी विषयो में उनका मन नही लगता था, वे अपने माता ,पिता के साथ खेतो में अधिक समय बिताते थे ।गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत की प्रेरणा उन्हें वही से मिली , पर वे स्कूल में कभी अच्छे ग्रेटस नही ले पाये ।इसे देखते हुए उन्हें स्कूल से हटा दिया गया था ,आगे वह इलेक्ट्रिसिटी औऱ गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत देने वाला महान वैज्ञानिक बने। हमे इनसे सिख लेनी चाहिए पढ़ने की कोई उम्र नही होती , अपने अंदर डिजायर होनी चाहिए, आपकी कामयावी से कोई नही रोक सकता ,बहुत सारे उदाहरण स्वरूप ,जैसे , थॉमस अरवा यडिसन ,माइकल जॉर्डन, वीर कुंवर सिंह ,उन्होंने 73 वर्ष में दुश्मनों को छक्के छुड़ाए ,रीता सिंह की रिपोर्ट मो,7004100454