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गायत्री मंत्र का जाप आपको बना सकता है और बुद्धिमान

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[ गायत्री मंत्र का जाप आपको बना सकता है और बुद्धिमान  ...   GENIUS the GREAT ] 
(  आध्यात्म को विज्ञान को कसौटी पर परखा गया ) 

संकलित ✍️ आलेख : मानसपुत्र संजय कुमार झा व्हाट्सऐप संपर्क / 9679472555 , 9431003698 
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               |||  ॐ श्री गुरुवे नमः ॐ  ||| 
गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त में मौजूद 10वां श्लोक है. ये हज़ारों वर्ष पुराना वैदिक मंत्र है, जिसकी रचना त्रेता युग में ऋषि विश्वामित्र ने की थी. इस मंत्र में ईश्वर का ध्यान करते हुए ये प्रार्थना की गई है कि ईश्वर हमें प्रकाश दिखाए और सच्चाई की तरफ ले जाए. वेदों पर Research करने वाले भारत और दुनिया के विद्वानों ने गायत्री मंत्र को ऋग्वेद के सबसे प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना है. हमारे देश में सदियों से लोगों के बीच ये मान्यता है कि विद्यार्थियों को गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए, क्य़ोंकि इससे दिमाग तेज़ होता है. गायत्री मंत्र पर AIIMS की Research भी यही कर रही है.


   
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि AIIMS की एक Doctor और IIT के एक वैज्ञानिक ने कई वर्षों तक Research करने के बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि हर रोज़ कुछ समय तक लगातार गायत्री मंत्र पढ़कर बौद्धिक क्षमता का अनंत विस्तार किया जा सकता है.

हम आपको बुद्धिमान बनने का Formula बताएंगे. अगर आपको लगता है कि आप पहले से ही काफी बुद्धिमान हैं तो भी इस फॉर्मूले का इस्तेमाल करके आप और भी ज़्यादा बुद्धिमान बन सकते हैं. ये Formula, AIIMS के एक Research के ज़रिए सामने आया है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि AIIMS की एक Doctor और IIT के एक वैज्ञानिक ने कई वर्षों तक Research करने के बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि हर रोज़ कुछ समय तक लगातार गायत्री मंत्र पढ़कर बौद्धिक क्षमता का अनंत विस्तार किया जा सकता है.

यानी अपने दिमाग की ताकत को बढ़ाया जा सकता है. AIIMS ने अपनी Research में MRI के ज़रिए दिमाग की सक्रियता की जांच करके इस बात की पुष्टि की है कि गायत्री मंत्र पढ़ने से दिमाग की शक्ति का विस्तार होता है.

AIIMS वर्ष 1998 से गायत्री मंत्र पर Research कर रहा है. सबसे पहले AIIMS के Doctors ने 25 से 30 वर्ष के पुरुषों पर ये प्रयोग किया था. और 9 महीने तक ये रिसर्च की गई थी इसके बाद 5 वर्षों तक इसके Data का अध्ययन किया गया. इसके तहत दिमाग के आगे के हिस्से में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया गया था. दिमाग के इस हिस्से को Prefrontal Cortex कहा जाता है. इस हिस्से का काम है. योजनाएं बनाना, समस्याओं का समाधान करना और जागरूक रहना.

इस रिसर्च के लिए लोगों को दो Groups में बांट दिया गया था. पहले Group ने तीन महीनों तक हर रोज़ 108 बार गायत्री मंत्र का मन में पाठ किया और दूसरे Group ने गायत्री मंत्र का पाठ नहीं किया, जो लोग गायत्री मंत्र का पाठ कर रहे थे उनके शरीर में खुशी के वक्त पैदा होने वाले Chemicals तेज़ी से बढ़ने लगे. इसी तरह का एक Chemical है गाबा. इस Chemical के कम होने पर नींद नहीं आती है और Depression जैसी बीमारियां हो जाती हैं, लेकिन गायत्री मंत्र का पाठ करने से दूसरे ही हफ्ते में, शरीर में गाबा Chemical तेज़ी से बढ़ने लगा. दिमाग में सक्रियता बढ़ाने वाले Chemicals की मात्रा भी ज़्यादा हो गई.

पांच हफ्तों तक किए गए MRI यानी Magnetic Resonance Imaging की मदद से ये नतीजा निकला कि जिन लोगों ने गायत्री मंत्र का पाठ किया था. उनका दिमाग बहुत शांत और जाग्रत हो चुका था. अपने इस शुरुआती Research में निष्कर्ष निकालते हुए AIIMS की तरफ से कहा गया कि गायत्री मंत्र के माध्यम से इंसान की बौद्धिक क्षमता में अनंत विस्तार किया जा सकता है. AIIMS का ये शोध अब भी जारी है और इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित की जाएगी.

इतिहासकारों ने हमेशा आर्यों की नस्ल को बहुत बुद्धिमान माना है. इसलिए इस पर भी Research होनी चाहिए कि क्या आर्यों ने इसी तरह के शक्तिशाली मंत्रों का आविष्कार करके अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ा लिया था?
इस मंत्र का ऋषि विश्वामित्र से क्या रिश्ता है? किस तरह गायत्री मंत्र का हिंदू धर्म की परंपराओं में विशेष स्थान है और AIIMS के Research पर Experts के क्या विचार हैं ? इस लेख को पौराणिक अध्यात्मिक एवम वैज्ञानिक संदर्भ का उल्लेख किया गया है ! 


 
गायत्री मंत्र  :  
||| ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॐ ||  

[ उस प्राण स्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। अर्थात् 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के प्रसिद्ध पवणीय तेज का (हम) ध्यान करते हैं, वे परमात्मा हमारी बुद्धि को (सत् की ओर) प्रेरित करें. ] 

|||  इति शुभम् प्रभातम ...  ॐ शांति ॐ ( क्रमशः )  |||

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