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EOU ने 13 शराब माफिया व बालू माफिया के सम्पत्ति जब्त ,

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 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार और अपराध से कोई समझौता नहीं करते । यहीं वह वजह है की आज भी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति बरकरार है। भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले सिर्फ निगरानी टीम कार्रवाई के लिए जानी जाती रही है। सरकार ने भ्रष्टाचार पर सशक्त कार्रवाई के लिए  जब से सीनियर आईपीएस नैय्यर हसनैन खां को आर्थिक अपराध इकाई व विशेष निगरानी इकाई की जिम्मेवारी दी गयी हैं बड़े भ्रष्टाचारियों की सामत आ गयी हैं । ईश्वर से यहीं प्रार्थना करते है की ईओयू का पाला न पड़े।
ऐसा नहीं है की भ्रष्टाचार खत्म हो गया है, आगे भी खत्म नहीं होगा । लेकिन बीते डेढ़ वर्षों में एडीजी नैय्यर हसनैन खां के  आर्थिक अपराध इकाई व विशेष निगरानी इकाई की टीम ने कार्रवाई किया है इससे भ्रष्टाचारियों में खौफ हो गया हैं ।

एक से बढ़कर इसके दायरे में आएं है। पहले सरकारी सेवकों पर नकेल कसां गया है अब इनसे जुड़े अकूत सम्पत्ति खड़ा करनेवाले बालू माफिया ,शराब माफिया ,गांजा तस्कर व कुख्यात अपराधियों की बारी हैं । सूबे में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बड़े -बड़े गिरोह अवैध शराब के तस्करी में जुटे है, कभी-कबाड़ भारी मात्रा में शराब तस्करी के खेप को पुलिस व मद्निषेद की टीम बरामद करती हैं । सरकार ने स्पष्ट कर दिया है की बड़े कारोबारियों को पकड़े । इस दिशा में आर्थिक अपराध इकाई ने ऐसी रणनीति बनाई है की अवैध शराब के धंधे से जुड़े लोगों की अकूत सम्पत्ति ही जब्त हो जायेगी । इसी तरह बालू माफिया भी अब बचने वाले नहीं हैं । इनके भी अवैध अकूत सम्पत्ति को ईओयू ने पता कर लिया हैं । ईओयू ने 13 शराब माफिया व बालू माफिया के करीब 13.23 करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम 2002  ( पीएमएलए ) के तहत जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय ( ई डी ) को भेजा हैं । सुत्रों की मानें तो जल्द रेड पड़ सकती हैं और इनसे जुड़े लोग दायरे में आ सकते हैं ।

वर्ष 2022 में आर्थिक अपराध इकाई में भ्रष्टाचार एवं साइबर क्राइम से जुड़े 40 मामले दर्ज हुये ,वर्ष 2021 में 33 । इसके पूर्व के आकड़े पर गौर करें तो वर्ष 2020 में  10 ,वर्ष 2019 में 12 एवं वर्ष 2018 में  17 मामले दर्ज हुये । वर्ष 2021-22 के कार्रवाई से लोगों में ईओयू के प्रति विश्वास बढ़ा है और दूर-दराज जिले से भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर मुख्यालय पहुंचते हैं । ईओयू की टीम उनकी बातें गंभीरता से सुनते है और जांच के बाद कार्रवाई। बीते वर्ष अवैध मादक पदार्थों के तस्करी के खिलाफ ईओयू के पहल पर बिहार पुलिस ने 7863 किलो गांजा एवं 50 किलो चरस बरामद किया गया । सूबे के सीमांचल जिले में अवैध पूर्वक अफीम की खेती की जा रही थी। ईओयू ने करीब 613 एकड़ में लगे अफीम की खेती का विनष्टीकरण कर इंटरनेशनल खेती को अब नष्ट करना सुरु कर दी गई है .

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