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नालन्दा खुला विश्वविद्यालय पंद्रहवाँ दीक्षान्त समारोह ,

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नालन्दा खुला विश्वविद्यालय

पंद्रहवाँ दीक्षान्त समारोह

बुध्वार, 11 जनवरी, 2023 के शुभावसर पर

महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति 

श्री फागू चैहान का अध्यक्षीय भाषण

 

बिहार के शिक्षा मंत्राी डा. चन्द्रशेखर जी, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. सी. सिन्हा जी, प्रधान सचिव श्री राॅबर्ट एल. चोंग्थू जी, उत्तर प्रदेश राजर्षी टंडन खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. ए. के. बक्शी जी, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. संजय कुमार जी, इस विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डा. हबीबुर्र रहमान जी, कुलसचिव ;(परीक्षा) डा. नीलम कुमारी जी, कार्यकारी परिषद्, विद्या परिषद् एवं वित्त समिति के सदस्यगण, आमंत्रित अतिथिगण, शिक्षकगण,पदाधिकारीगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण, आज के इस दीक्षान्त समारोह में उपाधि ग्रहण करने आये विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकगण, मीडिया प्रतिनिध्गिण, देवियों एवं सज्जनों!

  1.  मुझे बहुत खुशी है कि आज नालन्दा खुला विश्वविद्यालय ने अपने 15वें दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया है। सभी विद्यार्थियों के जीवन में यह एक यादगार क्षण के रूप में आता है और यह याद दिलाकर जाता है कि अब आप स्नातक या उच्च उपाधि धारक हो गये हैं। दीक्षान्त वास्तव में पढ़ाई का अन्त नहीं है, बल्कि सतत् शैक्षणिक जीवन की यात्रा का एक पड़ाव है।

   2.  बिहार की यह धरती प्रतिभा की धनी है। आर्यभट्ट और चाणक्य जैसे अनेक विद्वानों ने इस धरती पर जन्म लिया है, जिनसे यह क्षेत्र गौरवान्वित रहा है।

   3.   मैं आपसे यह कहना चाहूँगा कि अपना लक्ष्य महान् रखिए, अपनी उर्जा पर विश्वास रखिए और हार मत मानिए। सपफलता आपको अवश्य मिलेगी।

   4.   आपको गर्व होना चाहिए कि आप बिहार के ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय से उपाधि ले रहे हैं जहाँ कदाचारमुक्त परीक्षा संचालित होती है। इस विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी विशेषता है कि अंकपत्र, मूल प्रमाण-पत्र, विश्वविद्यालय परित्याग पत्रा आदि मांग के दिन ही उपलब्ध् करा दिए जाते हैं, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के तीव्र कार्य सम्पादन का यह विश्वविद्यालय परिच।यक है।

    5.   इस अवसर पर मैं विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देता हूँ और आशा करता हूँ कि आने वाले समय में आप अपने उच्च नैतिक मूल्यों और प्राप्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बदौलत राष्ट्र-निर्माण में सशक्त और सार्थक भूमिका निभाएँगे।

         नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति एवं उनके नेतृत्व में कार्यरत सभी अधिकारीगण , शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण धन्यवाद के पात्र हैं। मैं उन सभी को साधुवाद /                आशीर्वाद देता हूँ और यह कामना करता हँ कि नालन्दा खुला विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सदा आगे बढ़ता रहे।  जय हिन्द.

कुलपति प्रो. के.सी. सिन्हा का प्रतिवेदन

बिहार राज्य के महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति , श्री फागू चैहान जी, बिहार के माननीय शिक्षा मंत्राी डा. चन्द्रशेखर जी, उत्तर प्रदेश राजर्षी टंडन खुला विश्वविद्यालय, प्रयागराज के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. बक्शी जी, महामहिम राज्यपाल के प्रधन सचिव श्री राॅबर्ट एल. चोंग्थू जी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह जी, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के उपस्थित माननीय कुलपति, प्रतिकुलपति एवं कुलसचिव, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद्, विद्या परिषद एवं वित्त समिति के सभी उपस्थित सम्मानीय सदस्यगण, विभिन्न विद्यापीठों के माननीय समन्वयक एवं शिक्षकगण, स्वर्णपदकदाता परिवार के उपस्थित प्रतिनिधिगण , आमंत्रित अतिथिगण, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति, कुलसचिव, कुलसचिव ;(परीक्षा) विश्वविद्यालय के सभी सतत् कार्यशील कर्मचारीगण, उपाधि प्राप्त करने वाले प्रिय विद्यार्थियों, मीडिय बन्धुओं, बहनों एवं भाइयों!

                1.            नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के लिए अपार हर्ष का विषय है कि हम आज 15वें दीक्षान्त समारोह का आयोजन कर रहे हैं। इस दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2020 (स्नातक सत्र 201-2020 तथा स्नातकोत्तर सत्र 2018-2020) एवं वर्ष 2021 (स्नातक सत्र 2018-2021 तथा स्नातकोत्तर सत्र 2019-2021) की परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जायेगी। दोनों वर्षों की परीक्षाओं में कुल 23,635 विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें 18,954 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। इन उत्तीर्ण विद्यार्थियों में लगभग 44 प्रतिशत छात्राएँ हैं, लगभग 5000 विद्यार्थी आज उपस्थित हैं, जो इस यादगार अवसर पर स्वयं प्रत्यक्ष रूप से उपाधि ग्रहण करेंगे। वे उत्तीर्ण विद्यार्थी जो किन्हीं कारणों से आज उपस्थित नहीं हो सके, उन्हें भी आज की तिथि से ही उपाधि दी जायेगी।

                2.            हमारे लिए बड़े ही हर्ष एवं उल्लास का विषय है कि आज के दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता, महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति महोदय कर रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि उनके आशीर्वचनों से विश्वविद्यालय, शिक्षकों एवं उपस्थित विद्यार्थियों को विकास की नई दिशा एवं दशा का ज्ञान हो सकेगा।

                3.            वर्तमान में नालन्दा खुला विश्वविद्यालय में 106 पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं, इनमें अनेक पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी, व्यावसायिक एवं कौशल विकास से सम्बन्ध्ति है। ये सभी पाठ्यक्रम 12 विद्यापीठों के अन्तर्गत चलाये जाते हैं। आज विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की कुल संख्या लगभग एक लाख है। अगले सत्र 2023-24 में कौशल विकास के अतिरिक्त कई अन्य पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने की योजना है।

                4.            अत्यन्त कम लागत पर गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान करना न केवल हमारी विशेषता है, बल्कि प्रतिबद्धता भी है। इसका प्रमाण है कि नालन्दा खुला विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त छात्रा-छात्राएँ बड़ी संख्या में केन्द्रीय तथा राज्य सरकार के प्रशासनिक सेवा में सफलता प्राप्त कर सके हैं। हमारे विद्यार्थी बैंकंग सेवा, सूचना तकनीकी, मीडिया तथा शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान स्थापित कर रहे हैं।

              5.           कुलाधिपति महोदय, नालन्दा खुला विश्वविद्यालय राज्य सरकार का एक मात्र विश्वविद्यालय है, जिसे राज्य सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती है। पिर भी, यह विश्वविद्यालय अपने आन्तरिक संसाधनों से लगातार प्रगति की राह पर अग्रसर रहा है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को घर बैठे पढ़ने की सुविध प्रदान करने के लिए अपने स्वाधिगम सामग्री को पूर्णतया डिजिटल बनाने तथा उसे देश के अन्य पुस्तकालयों से जोड़ने की दिशा में काफी प्रगति हासिल किया है। विश्वविद्यालय के पास 350 से भी अधिक कम्प्यूटर्स का एक अत्यन्त विकसित कम्प्यूटर लैब है।

                6.            बिहार राज्य में उच्च श्क्षिा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात (GER) में वृद्धि  के लिए राज्य सरकार के मिशन को नालन्दा खुला विश्वविद्यालय द्वारा एक चुनौती के रूप में लिया गया है। जिसके पफलस्वरूप विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य सरकार द्वारा चिन्ह्ति निम्न सकल नामांकन अनुपात वाले अतिपिछडे प्रखण्डों में अध्ययन केन्द्रों की स्थापना की, जिसके अन्तर्गत 268 अध्ययन केन्द्र संचालित है, जिनके माध्यम से ग्रामीण परिवार अपने बच्चों को बिना काॅलेज या विश्वविद्यालय भेजे भी उच्चस्तरीय शिक्षा तथा रोजगारपरक एवं कौशल विकास हेतु नजदीक के अध्ययन केन्द्रों में नामांकन करा सकते हैं।

                7.            नालन्दा खुला विश्वविद्यालय में महिलाओं को विशेष सुविध प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय द्वारा महिला साक्षरता और सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हमारे इन प्रयासों का ही परिणाम है कि आज इस विश्वविद्यालय में अध्ययनरत कुल विद्यार्थियों में से लगभग 50 प्रतिशत छात्राएँ हैं और इस दीक्षान्त समारोह में कुल 47 स्वर्ण पदकों में से 38 यानी 80 प्रतिशत से अध्कि स्वर्ण पदक छात्राओं को दिया जा रहा है। इसके अलावा स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली नियमित वर्ष में ही उत्तीर्ण महिला विद्यार्थी को अलग से स्वर्ण पदक दिया जाता है।

                8.            विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित स्वर्ण पदकों में से 09 स्वर्ण पदक ऐसे हैं, जिन्हें शिक्षा जगत में रूचि रखने वाले महानुभावों ने एक-एक लाख रूपयों का अनुदान देकर अपने अथवा अपनी संस्था के नाम में स्थापित किया है। ऐसे दानदाता (Endowment) या उनके सर्वाधिक आज के इस समारोह में अतिथि के रूप में उपस्थित हैं। अतः उन्हीं के कर कमलों के द्वारा सम्बन्ध्ति छात्रा/छात्रा को उनके द्वारा स्थापित स्वर्ण पदक को प्रदान किये जाने का प्रावधन है। आपसबों के सहयोग के लिए विश्वविद्यालय परिवार आभारी है। इस अवसर पर मैं यह भी बताना चाहूँगा कि 15वीं दीक्षान्त समारोह के आयोजन के गत सप्ताह पूर्व, दो दानदाताओं, यथा, सुलभ इंटरनेशनल, पटना द्वारा दो लाख एवं डा. (मेजर) बलबीर सिंह भसीन के द्वारा चार लाख रूपयों का आर्थिक सहयोग पूर्व की प्रदत्त राशि एक लाख रूपया के अतिरिक्त किया गया है, जिससे सीधे-सीधे सम्बन्ध्ति विष्य के छात्र लाभान्वित होंगे।

                9.            ‘‘पावका नः सरस्वती’’ नालन्दा खुला विश्वविद्यालय का प्रतीक चिन्ह् है। इसे )ग्वेद से लिया गया है और इसका अर्थ स्थूल रूप से यह होता है कि सभी विद्याओं की अध्ष्ठिात्राी देवी माँ ‘‘सरस्वती हमें पवित्र करें’’, अर्थात् हमें ज्ञान एवं विद्या से भर दें। अतः हमारी यह प्रार्थना होगी कि हमारे विद्यार्थियों पर भी माँ सरस्वती की ऐसी ही महती कृपा बनी रहे।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था-

                ‘‘अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित निष्ठावान होना पड़ेगा।’’

                ‘‘इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी हैं।’’

                10.          नालन्दा खुला विश्वविद्यालय अपने राष्ट्रीय और सामाजिक दायित्वों के प्रति भी सजग है। इसी सिद्धांत  के अन्तर्गत समाज के वैसे सदस्यों को भी जो दुर्भाग्यवा जेल में सजा काट रहे हैं, पढ़ने के लिए भी यह विश्वविद्यालय प्रेरित करता है तथा समाज की मुख्य धरा में लाने का प्रयास करता है। ऐसे विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय कोई शुल्क नहीं लेता तथा सभी सुविधाएँ समान्य विद्यार्थी के अनुरूप ही प्रदान करता है। उत्तीर्णोपरान्त उन्हें उपाधि भी प्रदान की जाती है।

स्वामी विवेकानन्द ने कहा था-

‘‘मस्तिष्क की शक्तियाँ सूर्य की किरणों के समान हैं, जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।’’

‘‘जितना कठिन संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।’’

                11.          महानुभावों, अभी तक यह विश्वविद्यालय, बिस्कोमान भवन अर्थात् कैम्प मुख्यालय से चल रहा है। राज्य सरकार के द्वारा नालन्दा के बड़गाँव में भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही नालन्दा खुला विश्वविद्यालय, नालन्दा में स्थानान्तरित हो जायेगा। इसके लिए मैं राज्य सरकार को कोटिशः ध्न्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

                                अब मैं अपने विशिष्ट अतिथिगण, आमंत्रित मेहमान और प्यारे विद्यार्थियों को शुभकामना देते हुए उपाधि पत्र अधिकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाना चाहता हूँ। इसी के साथ मैं माननीय राज्यपाल तथा बिहार के माननीय शिक्षा मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद हमारे 15वें दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होने की कृपा की। आपके आशीर्वचनों से हमारे विद्यार्थी निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे। उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को मैं विनम्र सलाह देता हूँ कि वे कार्यक्रम के अन्त तक अपनी जगह पर शान्तिपूर्ण बैठे रहें तथा निदेशानुसार उपाधि अधिकरण कार्यक्रम में सहयोग करें। इससे आपकी ही प्रशंसा होगी। अन्त में मैं एक बार पुनः सभी शुभकामनाएँ देता हूँ।

ध्न्यवाद!

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