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यज्ञाचार्य राकेश महाराज ने किया देश को इस्कॉन से सावधान,

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यज्ञाचार्य राकेश महाराज ने किया देश को इस्कॉन से सावधान, कहा-ये हमारे ही धर्म में करा रहे कंवर्जन, विदेशों में भेज रहे देश का धन औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मां कामाख्या देवी के अनन्य भक्त और बिहार के जाने माने यज्ञाचार्य राकेश पांडेय जी महाराज ने बहुचर्चित युवा धर्मगुरू धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर महाराज के घर वापसी अभियान से आगे बढ़कर बड़ी बात कही है। उन्होने औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड में माली थाना के औसान गांव में ग्राम देवी प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के दौरान कहा कि कंवर्जन और घर वापसी तो मुद्दा है ही। साथ ही हमारे सनातन धर्म का आड़ लेकर अलग संप्रदाय के रूप में कमाई कर देश के धन को विदेशों में भेजने से भी सावधान रहने की जरूरत है। यज्ञाचार्य ने इस्कॉन(दी इंटरनेशनल सोसाईटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस) का नाम लेते हुए कहा कि पूर्व काल में भारत में इस्कॉन नाम की कोई धार्मिक संस्था नही रही है। ये हमारे सनातन धर्म की देखादेखी कर राधाकृष्ण का मंदिर बनवा रहे है और इसके माध्यम से भारत के धन को लूटकर विदेशों में भेज रहे है।

इस्कॉन मंदिरों में आ रहा अरबों का चढ़ावा विदेशों में भेजा जा रहा है। ये हमारे धर्मगुरू, हमारे ही देवता की पूजा कर हमारे ही सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। ये हमारे ही धर्म के अंदर धर्म परिवर्तन करा रहे है। यह कैसी नीति है। अगर आपके धर्म में समृद्धि है तो अपने धर्म पर टिके रहे, दूसरे धर्म को छेड़ने का प्रयास न करे। आज जहां देखिएं इस्कॉन राधाकृष्ण का मंदिर बनवा रही है। इनकी गहराई तक जाने की जरूरत है। यह देखने की जरूरत है कि इस्कॉन का वास्तविक बेसिक ऑफिस कहां है, जहां से यह संस्था चल रही है। कहा कि हमारा धर्म सबल सनातन सबल है। सनातन का अनुसरण कर दूसरे देश विकास कर रहे है। यज्ञाचार्य ने कहा कि हमें अन्य धर्मों के विवादास्पद शब्दों से मतलब नही है। फिर कह रहा हूं, हमारा सनातन समृद्ध है और हमे दूसरे धर्मों की बातों में पड़ने की जरूरत नही है। गौरतलब है कि इस्कॉन एक धार्मिक संगठन है। इसकी स्थापना एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा 1966 में न्यूयॉर्क शहर में की गई थी। इसके भक्तों द्वारा निभाई जानेवाली अगला विधि जिसे आरती या पूजा कहते हैं।

आरती के दौरान भक्त गण कृष्ण की मूर्ति या छवि को हिन्दू रीति रिवाज से पूजते हैं। यानि पानी, अगरबती, दीयां, फूल अर्पित करने के साथ ही कृष्ण भजन गाते हैं। दुनिया भर में इस्कॉन के 550 प्रमुख केंद्र हैं, जबकि 1000 से ज्यादा मंदिर है। हालांकि इसके पहले भी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद इस्कॉन मंदिर को लेकर विवादित बयान दे चुके है। उन्होंने भी कहा था कि ‘इस्कॉन वाले भारत में बड़े मंदिर बना रहे हैं। यहां जो पैसा चढ़ रहा है, वह अमेरिका जा रहा है। यह काम मिशनरियों का है। इस तरह यज्ञाचार्य राकेश पांडेय जी महाराज ने स्वामी स्वरूपानंद वाले बयान को नये तरीके से फिर से हवा देकर विवाद को आगे बढ़ा दिया है। ऐसे में देखना यह होगा कि यह मामला आगे क्या रंग लाता है।

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