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कांग्रेस को 'नीतीश' पर भरोसा नहीं ,

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PATNA: एनडीए से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दफे दिल्ली दौरा कर चुके हैं. मकसद है सभी विपक्षी दलों को एक प्लेटफार्म पर लाना. छह महीने बाद भी नीतीश कुमार को इस दिशा कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हो सकी है. मुख्यमंत्री एक दफे लालू प्रसाद को साथ लेकर सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. हालांकि मुलाकात की कोई तस्वीर सार्वजनिक नहीं हो पाई थी. तब कहा गया था कि सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर दिलचस्पी नहीं ली थी. अब एक बार फिर से नीतीश कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद से हाथ जोड़कर आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने गुजारिश की है कि हमारी बात मान लीजिए, अपने नेतृत्व से कहिए। इस दौरान नीतीश कुमार ने सफाई दिया कि वे पीएम पद की रेस में नहीं है. वे सिर्फ विपक्षी दलों की एकजुटता चाहते हैं,ताकि केंद्र की वर्तमान सरकार को हटाया जा सके.

माले के सम्मेलन में नीतीश कुमार ने सलमान खुर्शीद से लगाई गुहार  

पटना में भाकपा माले के सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव,कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद समेत कई अन्य विपक्षी नेता पहुंचे थे. कार्यक्रम में भाषण के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि हमारी सब लोगों से बात हुई तो यही तय हुआ था कि अधिक से अधिक पार्टियां एकजुट होकर लोकसभा का चुनाव लड़ें. अगर मिलकर लड़ेंगे तो इन लोगों (भाजपा) से मुक्ति मिलेगी. साथ ही देश सुरक्षित होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज क्या हो रहा है... आजादी की लड़ाई को भी भुलाने का काम शुरू हो गया है. जिनको आजादी की लड़ाई से मतलब नहीं था वह लोग नया इतिहास पैदा करना चाहते हैं. हर चीज को बदलना चाहते हैं. कोई काम तो होता नहीं है, नए हिसाब से काम कुछ नहीं करते हैं, सिर्फ अपनी प्रशंसा करते हैं. आजादी के बाद दो देश हो गया .तब इस देश में हिंदू मुस्लिम एकता रहे, लेकिन इसके बाद भी इधर से उधर करने का सिलसिला शुरू है . इसीलिए सचेत रहना पड़ेगा. सभी धर्म -जाति के मानने वाले लोगों को एकजुट कर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना होगा. मिलजुल कर लड़ेंगे तो कामयाब होंगे.

साथ मिलकर लड़ेंगे तो भाजपा 100 सीटों पर सिमट जायेगी

सीएम नीतीश ने मंच पर बैठे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम तो कांग्रेस के नेता जो बैठे हैं उनसे कहेंगे. अभी तो यात्रा बहुत अच्छा हो गया. लेकिन इससे आगे थोड़ा सोच लीजिए. हम तो उसी के लिए इंतजार ही कर रहे हैं. हम तो जाकर कह हीं दिए हैं. सोच लीजिए, आगे जो कहिएगा वह करेंगे. अन्य पार्टी नेताओं का भी फोन आ रहा है. लोग कह रहे हैं कि सभी दल का मीटिंग करिए. हम वेट कर रहे हैं आपका. आप लोग थोड़ा जल्दी करिए. बहुत सारी पार्टियां एकजुट होने के लिए तैयार बैठी हैं. हम तो चाहते हैं कि अधिक से अधिक पार्टियां एकजुट हो जाएं. हम तो आप ही के माध्यम से आपके नेतृत्व से अनुरोध करेंगे कि जल्दी से जल्दी फैसला करिए. हम लोगों को बुलाकर बात करिए. किनके-किनके साथ एकजुट होकर लड़ना है यह फैसला कर लीजिए. उसी दिन हम लोग एकजुट हो जाएंगे और मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. तब जान लीजिए...इनसे (भाजपा) मुक्ति हो जाएगी. आप लोग ठीक से सोच कर चलिएगा, जो हम कह रहे हैं...मेरा सुझाव मान लीजिएगा तो यह (भाजपा) 100 से नीचे जाएंगे. जान लीजिए... मेरा बतवा नहीं मानियेगा तो क्या होगा, आप जानिए... हमको क्या.  इसीलिए जल्दी से जल्दी फैसला करिए. हमने तो विभिन्न पार्टियों को भी कहा है कि अलग-अलग मत लड़िए। कृपा करके सोच लीजिएगा तो आपको भी फायदा होगा और देश को भी फायदा होगा . आप (सलमान खुर्शीद) आ गए हैं तो हम कह रहे. बिहार में तो हम लोग साथ हैं. बिहार में तो कोई दिक्कत नहीं है. बिहार में तो मिलकर काम कर रहे हैं. इसी तरह से देश में एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तो जान लीजिए नतीजा क्या होगा.

आईटी-ईडी-सीबीआई रेड पर उठाए सवाल 

मुख्य़मंत्री ने आगे कहा कि हर चीज में गड़बड़ हो रहा है. जरा सा भी कोई कह देता है कि इसमें बड़ा गड़बड़ होता है, तब तुरंत इस पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाता है. यह क्या है...आज तक यह होता था क्या...इसीलिए यह याद रखिए, मिलजुल कर सोच लीजिए. दरअसल, मुख्य़मंत्री सीबीआई-आईटी-ईडी रेज पर सवाल खड़े कर रहे थे. नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं के समक्ष यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि केंद्र सरकार की जांच एजेंसी थोड़ी शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई कर दे रही. 

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