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1 मार्च से बिहार में दाखिल-खारिज के मामले जल्द निपटेंगे ,

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1 मार्च से बिहार में दाखिल-खारिज के मामले जल्द निपटेंगे

-राजस्व अधिकारी और अंचलाधिकारी खुद दिखेंगे सभी मामले

पटना : बिहार में दाखिल-खारिज के मामले अब जल्द निपटेंगे। नई व्यवस्था के तहत पूरे सूबे में 1 मार्च से राजस्व अधिकारी और अंचलाधिकारी दाखिल-खारिज के मामले निपटाएंगे। इनके बीच कार्य का बंटवारा हलका के अंक के आधार पर होगा। सम संख्या (2, 4, 6…) वाले हलकों का काम राजस्व अधिकारी करेंगे तो विषम संख्या ( 1, 3, 5…) वाले हलका के दाखिल-खारिज का काम अंचलाधिकारी करेंगे। यही नहीं दाखिल-खारिज में फीफो (फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) का पालन अनिवार्य कर दिया है। अर्थात, पहले आए आवेदन का निपटारा पहले करना होगा। आवेदनों का निपटारा क्रमानुसार करना अनिवार्य होगा। 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि पिछले 18 जनवरी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पांच अंचलों पटना के फतुहा, भागलपुर के सबौर, सीवान के सीवान सदर, किशनगंज के ठाकुरगंज और समस्तीपुर के कल्याणपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लागू किया गया था। उसके सफल परिणाम आने के बाद अब यह सभी 534 अंचलों में लागू होगा। हमने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। यह भी प्रावधान किया गया है कि अधिकारी अब दाखिल-खारिज को लंबित रखते हुए आगे के आवेदन का निपटारा नहीं कर सकेंगे। क्रमवार सूची में उपलब्ध आवेदन का निष्पादन क्रमवार ही करना होगा। इस दौरान किसी तरह की परेशानी आने पर उसे एक दिन के लिए सूची से हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कारण बताना होगा। इसके लिए ऑनलाइन सिस्टम में ‘स्कीप फॉर द डे’ मेनू जोड़ा गया है। 

अगले दिन वह सूची में फिर से उपलब्ध रहेगा। अगले दिन सूची से हटाने के पहले फिर कारण बताना अनिवार्य होगा। यह क्रम आगे बढ़ा तो यह भी बताना होगा कि कितने दिनों से उस मामले को हटाया जा रहा है और क्यों। विभाग को विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिली थी कि दाखिल-खारिज आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं हो रहा है। यही नहीं, बिना उचित कारण बताए आवेदनों को रद्द भी किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने दाखिल-खारिज की व्यवस्था में कई अहम बदलाव किए हैं।

बड़ी संख्या में मामलों के लंबित और अस्वीकृति रहने पर एक्शन
सूबे में जब ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से कुल 99.50 लाख आवेदन आ चुके हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें से 36.50 लाख मामलों को अस्वीकृत कर दिया गया है।कई मामलों में तो पहले वाले अस्वीकृत आवेदनों को फिर से आवेदन करने पर निष्पादित भी किया गया है। बड़ी संख्या में दाखिल-खारिज के मामलों के लंबित रहने और अस्वीकृति के कारण सरकार ने लगभग डेढ़ दर्जन अंचल अधिकारियों पर कार्रवाई भी की है।

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