उपवास रखनेवालों ने कहा कि यह बिहारी अस्मिता का अपमान है। विकास वैभव बहुत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने अपने कार्यों की बदौलत बिहार का नाम ऊंचा किया है। उनके मन मे बिहार के लिए कुछ करने की उत्कंठा है।जिस जिले में या जिस जगह पर उन्हें जिम्मेवारी मिली, उसे उन्होंने पूरी ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य निर्वहन किया। ऐसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी को दुर्भावना से ग्रसित होकर अपमानित करना निंदनीय आईपीएस विकास वैभव के समर्थन में औरंगाबाद के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने रखा एक दिवसीय उपवास.
भारत देश धर्म प्रधान है जब जब धर्म पर प्रहार हुआ सनातन धर्म ने इसकी रक्षा ,सुरक्षा की इसमें कोई शक नही इसे बचाने के लिए निकले बागेश्वर धाम आप को बता दे कि उदाहरण स्वरूप पुलिस की बढ़िया छबि में उदाहण स्वरूप हो तो विकाश वैभव जी आती है , कानून और अनुशाशन सब के लिए एक समान बना है चाहे गरीब हो या अमीर या नेता मंत्री अधिकारी या पदाधिकारी इत्यादि इत्यादि ,सभी को लोकतंत्र की जननी को समझना चाहिये और साथ साथ जीवन मे उतारना चाहिए ,हिन्दुराष्ट्र तनाव मुक्त होना चाहिए न कि भयभीत शोभा अहोतकर को अनुशासन बिहीन शोभनीय नही सरकार को इसकी संज्ञान जरूर लेनी चाहिए.
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