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नेता कुर्शी के मोह में कभी भी पार्टी को अपनी स्वार्थ के लिए पार्टी की परित्याग कर सकते हैं

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नेता कुर्शी के मोह में कभी भी पार्टी को अपनी स्वार्थ के लिए पार्टी की परित्याग कर सकते हैं,  जैसे बताने की  शायद जरूरत नही 
जदयू को छोड़ कर भाजपा पार्टी ज्वाइन ,अव देखते है कि जनता पर कितना सच उतरेंगे ये समय ही बताएगा रीता सिंह की खास रिपोर्टपटनाः जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इस अवसर पर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘कुर्सी’ के मोह में वह अपराध और भ्रष्टाचार से समझौता कर रहे हैं।“नीतीश PM थे, हैं और रहेंगे। PM यानी ‘पलटू मार”
बिहार के मुख्यमंत्री को ‘पलटू राम’ कहकर उनका मजाक उड़ाते हुए आरसीपी सिंह ने कहा, ‘‘नीतीश पीएम थे, हैं और रहेंगे। पीएम यानी ‘पलटू मार’।” उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार अंग्रेजी के ‘सी’ अक्षर से बहुत प्यार है। सी से क्राइम, करप्शन और चेयर यानी कुर्सी भी होता है।” इस अवसर पर आरसीपी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की

जमकर सराहना की और कहा कि उन्होंने गरीबों के लिए काम किया और देश को एक मजबूत नेतृत्व दिया है। सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद के सदस्य रह चुके हैं। “मैंने नीतीश को कई बार दिखाया आईना” आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार इन दिनों दावा करते फिर रहे हैं देश में कोई विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि काम नहीं हो रहा है तो भारत ऐसे ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया? मैंने उन्हें कई बार आईना दिखाने की कोशिश की।” उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश कहां से कहां पहुंच गया जबकि बिहार आज भी वहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में 2005 से पहले कानून-व्यवस्था की जो स्थिति थी, उससे भी बुरी स्थिति आज है।” बता दें कि भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की मौजूदगी में आरसीपी सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जदयू से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा से नजदीकियों के चलते जदयू ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भी नहीं भेजा। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद भी गंवाना पड़ा था।

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