बिहार में अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस और सशस्त्र सीमा बल समेत कई एजेंसियों की मदद लेगी. ये फैसला आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू (EOU) में विशेष बैठक में हुआ. बैठक का मुख्य एजेंडा नेपाल के अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले मादक पदार्थ और नशीली दवाओं की तस्करी रोकना हॉट स्पॉट चिह्नित करना और सूचना पर विभिन्न एजेंसियों की मदद से संयुक्त छापेमारी करना रहा. बैठक में एक मत से यह भी तय हुआ कि ईओयू को ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई में एनसीबी, सीआरपीएफ और एसएसबी जैसी सुरक्षा एजेंसियां मदद करेंगी.
इसके साथ ही मादक द्रव्यों की आपूर्ति रोकने के लिए राज्य भर में इसके हॉट स्पॉट भी चिह्नित किए गए हैं, जहां विशेष अभियान चलाया जाएगा. इनमें नेपाल से सटे आठ जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. इसके साथ ही पटना जिले के फतुहा नदी थाना अंतर्गत जेठुली, भोजपुर के उदवंतनगर थाना अंतर्गत मसाढ़ गांव और आसपास के इलाके और वैशाली के राघोपुर क्षेत्र को भी हॉट स्पॉट के रूप में पहचान लिया गया है. ये ऐसे इलाके हैं, जो मादक द्रव्यों और नशीली दवाओं के तस्करी के लिए कुख्यात है I
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