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नीतीश व मांझी के रास्ते हुए जुदा

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नीतीश व मांझी के रास्ते हुए जुदा! संतोष सुमन ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा

-बोले-महागठबंधन नहीं छोड़ा
-चर्चा में एनडीए में जाने की अटकलें
-'हम' ने बताया जदयू में विलय का लगातार दवाब बना इस्तीफा देने का कारण

    पटना : बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन मांझी ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। संतोष नीतीश सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री थे। जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने की अटकलें के बीच यह इस्तीफा सबको हैरान कर दिया है।
    बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात के बाद संतोष सुमन मांझी ने इस्तीफा दिया है। हम ने भी इस्तीफे की पुष्टि की है और बताया कि जदयू की तरफ से लगातार हम पार्टी को विलय करने का दबाव बनाया जा रहा था।
   हम पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सह राष्ट्रीय प्रवक्ता अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी ‌‌ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हम पार्टी गरीबों के हितों की रक्षा के लिए बनी है। गरीबों के हितों और कार्यकर्ताओं के सम्मान को देखते हुए बिहार सरकार में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री डॉक्टर संतोष कुमार सुमन (मांझी) ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।


   आज संतोष मांझी के नीतीश कैबिनेट से इस्तीफे के बाद से अब यह तय हो गया कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और महागठबंधन के रास्ते लगभग अलग हो गए हैं। हालांकि, संतोष कुमार सुमन का कहना है कि उन्होंने महागठबंधन नहीं छोड़ा है। जीतन राम के बेटे सेफ गेम खेल रहे हैं। एनडीए से अलग होने के बाद राजद ने इन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया था।
 विधान पार्षद की सदस्यता पर खतरा नहीं 
    संतोष सुमन के विधान परिषद की सदस्यता 6 मई 2024 तक है। ऐसे में नीतीश कुमार से बगावत करने के बाद भी संतोष सुमन मजे में 11 महीने तक विधान पार्षद बने रहेंगे। बता दें कि सुमन विधानसभा कोटे से विधान परिषद के सदस्य हैं। इस हिसाब से सुमन की सदस्यता पर भी कोई खतरा नहीं है।

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