बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जमकर माल बटोर रहे हैं. सभी विभागों में लूट सी मची हुई है. जनता के पैसे से सरकारी सेवक मालामाल हो रहे. हालांकि भ्रष्टाचार रोकने को लेकर सरकार के स्तर से कार्रवाई भी हो रही, पर जिस रफ्तार से कार्रवाई हो रही उससे कई गुणा अधिक तेजी से भ्रष्टाचार बढ़ रहा. नीतीश सरकार ने हर साल संपत्ति सार्वजनिक करने की व्यवस्था कर रखी है. घोषित संपत्ति से अधिक मिलने पर उसे आय से अधिक संपत्ति मानते हुए कार्रवाई होती है. इसके बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी सेवक अपनी संपत्ति समझने लगते है I
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