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मधुबनी जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा  ने  वर्चुअल माध्यम से बैठक की

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दिनांक -02/08/2023मधुबनी
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जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा  ने  वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में कम हो रही वर्षापात ,पेयजल की समस्या, भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों,  संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि  का किया विस्तृत समीक्षा।कार्यपालक अभियंता पीएचडी को बंद पड़े चापाकलों की अविलम्ब मरम्मति का दिया निर्देश।आवश्यकता पड़ने पर टैंकर से भी पेयजल की व्यवस्था करने का दिया निर्देश।आपदा के तहत  निर्धारित स्थलों पर  70 चापाकल शीघ्र लगाने का दिया निर्देश। नल जल योजना के तहत नियमित रूप से जलापूर्ति करने का दिया निर्देश।नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुँचाने का दिया निर्देश।जिला पशुपालन पदाधिकारी को लंपी रोग से निपटने हेतु लगातार कैम्प आयोजित  करने का दिया निर्देश।-। पशुपालकों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाने का दिया निर्देश।

अनुपस्थित कार्यपालक अभियंता विधुत, जयनगर डिवीज़न का वेतन स्थगन के साथ स्पष्टीकरण पूछने का दिया निर्देश।- जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने  वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में वर्षापात की स्थिति, भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों,  संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि  का विस्तृत समीक्षा किया।   जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचडी को बंद पड़े चापाकलों की अविलम्ब मरम्मति का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर टैंकर से भी पेयजल की व्यवस्था करे।   जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों का चयन के आपदा के तहत  पर  70 चापाकल शीघ्र लगवाना सुनिश्चित करे।

उन्होंने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश दिया कि नल जल योजना के तहत  नियमित रूप से निर्बाध जलापूर्ति करना सुनिश्चित करे। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक 99.99/ प्रतिशत बिचड़ा आच्छादन हो चुका है,वही मात्र 46.55 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में 40.4 प्रतिशत वर्षापात कम हुई है। जिलाधिकारी ने  निर्देश दिया कि सभी संबधित पदाधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखे।  उन्होंने सिंचाई विभाग के उपस्थित अभियंताओं को निर्देश दिया की जिन-जिन क्षेत्रों में नहर की व्यवस्था है,वहाँ नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुचाये,उन्होंने नलकूप विभाग को भी निर्देश  दिया कि सभी बंद पड़े नलकुपो को अविलंब चालू करवाये। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को भी निर्देश दिया कि आकस्मिक फसल योजना की पूरी तैयारी कर ले,ताकि अगर सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है तो  इसका लाभ लिया जा सके। समीक्षा के क्रम यह पाया गया कि वर्तमान में सभी महत्त्वपूर्ण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।

उन्होंने निर्देश दिया कम वर्षापात के वावजूद भी नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाये रखे एवम तटबन्धों की 24 घंटे निगरानी भी करते रहे। जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को  सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि मानसून की वर्षा कभी भी जिले को प्रभावित कर सकती* है,एवम कभी भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है,इसलिये सभी संबधित पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में ही रहे।उन्होंने एसडीओ एवं सीओ को तटबंधों, शरणस्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया। जिले के सभी चिन्हित शरण स्थलों  में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति सहित सभी मूलभूत सुविधाएं  उपलब्ध रहे ,इसे सुनिश्चित कर ले।    उन्होंने सिविल सर्जन से चिकित्सा संबंधी सभी तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि सर्पदंश सहित सभी आवश्यक  दवाइयों की कमी न होने पाए। जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को लंपी रोग से निपटने हेतु पूरी सजगता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने लगातार कैम्प लगाकर पशुपालकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने बैठक से *अनुपस्थित कार्यपालक अभियंता विधुत, जयनगर डिवीज़न का वेतन स्थगन के साथ स्पष्टीकरण पूछने का दिया निर्देश।

उक्त बैठक में  डीडीसी विशाल राज,अपर समाहर्ता नरेश झा, जिला कृषि पदाधिकारी,डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार,सिविल सर्जन, जिला पशुपालन पदाधिकारी,सभी संबधित कार्यपालक अभियंता  सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारी कार्यालय कक्ष से और सभी अनुमंडल पदाधिकारी, एवंअंचल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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