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अररिया के पत्रकार हत्याकांड को लेकर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बैनर तले निकाला गया आक्रो�

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अररिया के पत्रकार हत्याकांड को लेकर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनि.यन के बैनर तले निकाला गया आक्रोश मार्च..

पटना : राजधानी पटना के सड़कों पर आज बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बैनर तले सैकड़ो पत्रकारों के द्वारा अररिया के पत्रकार विमल कुमार की हत्या को लेकर आक्रोश मार्च निकाला गया। जिसमें बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सभी पदाधिकारी के साथ-साथ सदस्य शामिल थे। आक्रोश मार्च निकालते हुए पत्रकारों के द्वारा सरकार से जल्द से जल्द अपराधी की गिरफ्तारी करने तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा और सुरक्षा का मांग किया गया है। साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की भी बात कही।

बताते चलें कि आज अहले सुबह अररिया के पत्रकार विमल कुमार की अपराधियों के द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । जैसे ही इस हत्या की खबर सामने आई जिला से लेकर राजधानी पटना के पत्रकारों में आक्रोश कायम हो गया। मामले की जानकारी मिलते ही  बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के द्वारा तुरंत आक्रोश मार्च निकाले जाने की सूचना दी गई और आज शुक्रवार दोपहर 2 बजे डाक बंगला चौराहा से लेकर इनकम टैक्स चौराहे तक सैकड़ो पत्रकारों के साथ आक्रोश मार्च निकाला गया। यह आक्रोश मार्च बिहार श्रमजीव पत्रकार यूनियन के महासचिव मुकुंद कुमार सिंह, उपाध्यक्ष आकाश कुमार, सचिव रजनीश कुमार, संगठन प्रभारी आलोक कुमार, के नेतृत्व में निकाला गया जिसमें यूनियन के कोषाध्यक्ष अनिल कुमार , अजीत कुमार, वरिष्ठ पत्रकार सुजीत झा (आज तक ) मनीष कुमार (एनडीटीवी ) सहीत दर्जनों वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे। इन सभी के साथ-साथ यूनियन के सदस्य चंद्र मोहन पांडे, राजन उपाध्याय, रंजीत डे , संजय कुमार इंद्रजीत डे सहित सैकड़ों सदस्य उपस्थित थे।

सरकार जल्द से जल्द करें अपराधी की गिरफ्तारी....

इस आक्रोश मार्च को लेकर बिहार श्रमजीव पत्रकार यूनियन के महासचिव मुकुंद कुमार सिंह ने सरकार से यह मांग की है कि जल्द से जल्द पत्रकार के हत्यारे की गिरफ्तारी की जाए और पीडित परिवार को मुआवजा के साथ-साथ सुरक्षा प्रदान किया जाए। किस तरीके से अपराधियों ने पहले पत्रकार विमल कुमार के भाई की हत्या की थी और फिर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई है इन सभी घटनाओं को देखते हुए उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराया जाए। लगातार पत्रकार पर हो रहे हैं हमले को लेकर भी सरकार और प्रशासन कड़ा रुख अपनाए। जिस तरीके से पिछले कुछ महीने से पत्रकारों के साथ लगातार अपराधिक घटनाएं घट रही है और पुलिस कार्रवाई के नाम पर बहाने बना रही है यह बंद हो। सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द लागू करें और पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करें। आज के माहौल में इस तरीके से अपराधियों का वर्चस्व से बढ़ चुका है की धमकी देते हुए हत्या कर देते हैं। जिसके वजह से पत्रकार खुलकर पत्रकारिता करने से भी डरते हैं ऐसे में अगर सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कैसे सुरक्षित रहेगा।

बताते चलें कि जब सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या हुई थी तो बिहार सरकार के द्वारा यह कहा गया था कि जिन पत्रकारों को लाइसेंसी हथियार लेने की जरूरत हो वह जिला अधिकारी के पास आवेदन कर हथियार ले सकते हैं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान इस तरीके से अधिकारी के फाइलों में दब गया जिस तरीके से नेताओं का बयान सिर्फ मंच तक ही रह जाता है।

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