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जीवन में स्वस्थ एवं संतुलित रहने के लिए मोटे अनाज का उपयोग और इसे भोजन का हिस्सा बनाना  जरूरी है

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जीवन में स्वस्थ एवं संतुलित रहने के लिए मोटे अनाज का उपयोग और इसे भोजन का हिस्सा बनाना  जरूरी है क्योंकि मोटे अनाजों में भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, मिनरल्स मौजूद है। ज्वार, बाजरा ,रागी जैसे अनाज को भोजन का हिस्सा बनाये। कुपोषण दूर करने के लिए मोटे अनाज रामबाण हैं।इसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है।बड़ो के साथ बच्चो के उत्तम स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज बेहतर विकल्प:- जिलाधिकारी

पोषण माह  मिशन अंतर्गत जिला स्तरीय अभिसरण कार्य योजना (डीसीएपी) की बैठक आज समाहरणालय स्थित विमर्श कक्ष में जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार की अध्यक्षता मेंआयोजित की गई। बैठक में जिला जन संपर्क अधिकारी कमल सिंह, जिला शिक्षा प्राधिकारी प्रमोद कुमार साहू ,डीपीओ आईसीडीएस सहित डेवलपमेंट पार्टनर, तथा सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी विभागों द्वारा पोषण माह में किए गए कार्यों की समीक्षा की गई तथा सभी विभागों को अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य करते हुए  पोषण की स्थिति में सुधार करने का निर्देश दिया। साथ ही कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजना ,मोटे अनाज जैसे मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा देने तथा उसे खान-पान में सम्मिलित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि मोटे अनाजों जैसे यथा:- मडुआ ,ज्वार, बाजरा, रागी के उपयोग को लेकर लोगों  को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि बच्चे भी इनका सेवन करें तो निश्चित तौर पर उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होगा। पोषण माह  के अलावा अन्य दिनों में भी मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ाने के लिए जागरूक करना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने बताया कि जीवन में स्वस्थ एवं संतुलित रहने के लिए मोटे अनाज का उपयोग और इसे भोजन का हिस्सा बनाना  जरूरी है क्योंकि मोटे अनाजों में भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, मिनरल्स मौजूद है। उन्होंने ज्वार, बाजरा ,रागी जैसे अनाज को भोजन का हिस्सा बनाने की अपील करते हुए बताया कि कुपोषण दूर करने के लिए मोटे अनाज रामबाण हैं।इसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है।

 उन्होंने जीविका के प्रतिनिधि को निर्देश दिया कि वे मोटे अनाजों को प्राथमिकता देते हुए उससे संबंधित व्यंजन बनाए ताकि लोगों को विशेष कर बच्चों को इसका लाभ मिल सके। 

पोषण माह के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा करने के क्रम में शिक्षा विभाग और हेल्थ विभाग के परफॉर्मेंस पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिया कि शेष बच्चे दिनों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाना सुनिश्चित करें। बताया गया की शिक्षा विभाग और हेल्थ विभाग के द्वारा की गई गतिविधियों की संख्या अपेक्षाकृत कम पाई गईन इसके अतरिक्त उन्होंने जीविका ,पंचायती राज विभाग और आईसीडीएस को भी निर्देशित किया कि गतिविधियों की संख्या बढ़ाई जाए।

आईसीडीएस डीपीओ को किया जा रहे  सभी कार्यों का अनुश्रवण करने का निर्देश दिया। पोषण माह के दौरान परिहार, मेजरगंज, रूनी सैदपुर और चुरौत प्रखंड में की गई गतिविधियों 90% से ऊपर है जबकि नानपुर, सुरसंड ,पुपरी ,बैरगनिया में गतिविधियों की संख्या काफी कम है। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराज़गी प्रकट करते हुए अत्यधिक गतिविधियां करने का निर्देश दिया। बैठक में विद्यालय परिसरों में आंगनबाड़ी केंद्रों के स्थानांतरण के समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ आईसीडीएस को निर्देशित किया कि इस माह के अंत तक हर हाल में चिन्हित विद्यालयों में केंद्रों को स्थानांतरित करने की दिशा में गंभीर प्रयास करें।

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