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बिहार में कोसी पर बन रहे सबसे लंबे पुल का स्लैब गिरा, कई मजदूरों के घायल होने की आशंका

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बिहार में कोसी पर बन रहे सबसे लंबे पुल का स्लैब गिरा, कई मजदूरों के घायल होने की आशंका सुपौल में बड़ा हादसा हुआ है. कोसी पर बन रही सबसे सबसे लंबी पुल का स्लैब गिरा. इस हादसे में कई मजदूरों के घायल होने की सूचना आ रही है. सुपौल. बिहार में बन रहे देश के सबसे लंबे पुल का एक स्लैब गिरने की सूचना आ रही है. इस हादसे में कई मजदूरों के घायल होने की सूचना है. बंगाल के एक मजदूर की मौत की सूचना है, लेकिन अब तक उसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 1200 करोड़ की लागत से बन रहे इस 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण कार्य पिछले कई वर्षों से जारी है. इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी. फिलहाल लोगों को मधुबनी जाने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है,जो घटकर 70 किमी हो जाएगी.

दो एजेंसियां कर रही हैं काम
इस पुल की एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है. इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहा. भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है. इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है. यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जोड़ेगा.

पुल के लिए बनने हैं 171 पिलर
इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं. इनमें 166 पिलर का निर्माण पूरा हो चुका है. बकौर की ओर से 36 पिलर और भेजा की ओर से 87 पिलर होंगे. इसमें बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से 1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है. एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है.

इसी साल पूरा होना है काम
कोसी पर सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे इस महासेतु के सिरे के दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है. इस कारण से यह महासेतु देश में सबसे लंबा हो जाएगा. बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट फेज 5 के तहत निर्माण किए जा रहे इस पुल का कार्य इसी साल पूरा होना है. इसका उद्घाटन वर्ष 2023 में होना था, लेकिन कोरोना के कारण विलंब हुआ और अब मार्च 2024 में संभावित है, लेकिन इसमें कुछ और विलंब हो सकता है.......रीता सिंह

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