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लालू परिवार के साथ जमीन के बदले नॉकरी हासिल करने वाले पर CBI का शिकंजा

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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जमीन लिखवा कर नौकरी देने के मामले का खुलासा किया था. सुशील मोदी ने चरणबद्ध तरीके से लालू परिवार को बेनकाब किया था. धीरे-धीरे अब उसके असर दिखने लगे हैं. सीबीआई का शिकंजा कसने लगा है. नौबत यह आ गयी है कि नौकरी हासिल करने वाले भी सीबीआई के रडार पर हैं.
जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर सीबीआई ने शिकंजा कस दिया है. पिछले दिनों लालू यादव के 17 ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा था. सीबीआई के एफआईआर में पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और पांचवी बेटी हेमा यादव के अलावे 12 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. कुल 16 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज

लालू परिवार के अलावे राजकुमार सिंह महुआ बाग रूपसपुर थाना, मिथिलेश कुमार महुआ बाग, अजय कुमार महुआ बाग, संजय राय उर्फ संजय कुमार महुआ बाग, धर्मेंद्र राय उर्फ धर्मेंद्र कुमार महुआ बाग, विकास कुमार महुआ बाग, पिंटू कुमार महुआ बाग, दिलचंद्र कुमार महुआ बाग, प्रेम चंद्र कुमार महुआ बाग, लाल चंद्र कुमार महुआ बाग, हृदयानंद चौधरी इटावा मीरगंज गोपालगंज, अभिषेक कुमार बिडोल बीहटा पटना के नाम एफआईआर में शामिल हैं. यह मुकदमा आपराधिक षड्यंत्र के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.
जांच एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की है. धारा 120बी आपराधिक षड्यंत्र से जुड़ी है. ऐसा आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरियों के बदले में यादव परिवार को कई संपत्तियां दी गईं, जो प्रमुख स्थानों पर थीं. इन 

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