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थानेदार को 24 घण्टे में FIR की कॉपी कोर्ट में भेजे ,DGP

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बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल सही पुलिसिंग सिस्टम को लागू करने में दिन-रात एक किये हुये हैं । समीक्षा के साथ ही पुलिस मुख्यालय स्तर से प्रतिमाह दिशा -निर्देश दिया जाता हैं लेकिन जिले के एसपी ,डीएसपी की स्थिति कुछ ” धृतराष्ट्र ” जैसी है और ” संजय ” की भूमिका में थानाध्यक्ष हैं , जो कहते है वहीं रिपोर्ट जिला से पुलिस मुख्यालय को बिना जांचे-परखे भेज दिया जाता हैं । कुछ ऐसा मामला डीजीपी के पास पहुंचा की ” मैनुअल एफआईआर ” की कॉपी एक सप्ताह में भी संबंधित कोर्ट में नहीं पहुंच रहा हैं । ऐसा सुनते ही डीजीपी गंभीर हो गये । कहां ऐसे कैसे हो सकता है ,24 घंटे के अंदर एफआईआर की कॉपी कोर्ट को भेजना हैं । प्रतिदिन सीसीटीएनएस पर अपडेट भी करना हैं । बिहार में ऑनलाइन एफआईआर करने की व्यवस्था  हैं । स्टेट क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड के डीआईजी को अविलंब बुलाया और पूछा की ऐसा कैसे हो रहा हैं । एफआईआर कॉपी पेंडिंग कैसे रह रहा हैं । पटना जिले के कई थाने का ऑनलाइन चेक किया गया तो पेंडिंग मिला । दूसरे जिले का स्थिति भी कुछ ऐसा ही मिला । डीजीपी एस के सिंघल ने स्टेट क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड के डीआईजी को निर्देश दिया की इसे जल्द सही जल्द सही कराएं और इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो रही है संबंधित थाने की रिपोर्ट करें । बड़ा सवाल यह उठता है की जब मैनुअल एफआईआर की कॉपी 24 घंटे के बजाए 6-7 दिन में कोर्ट पहुंच रहा है तो क्या इतने दिनों तक थाने का स्टेशन डायरी लंबित रह रहा हैं ।  व्यवहार न्यायालय पटना सदर, दानापुर, पटना सिटी के रिसीविंग रजिस्टर को चेक किया गया तो  8-10 अगस्त 2022 को दर्ज एफआईआर 16-18 अगस्त 2022 को कोर्ट पहुंचता हैं । इसका जीता -जागता उदाहरण और सबूत कोर्ट कर्मी का रिसीविंग और न्यायिक दंडाधिकारी व न्यायाधीश का एफआईआर कॉपी पर सीन (हस्ताक्षर ) ,थानाध्यक्ष के लापरवाही को उजागर करता हैं ।अग्रिम जमानत फाइल करने में आ रही परेशानी ,मानवाधिकार का उल्लंघन

पटना व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता संजीव कुमार ने बताया की अक्सर यह देखा जाता है की थाने में एफआईआर महिने के 1 -2 तारीख को हो जाती है और एफआईआर 
 डिजिटल युग में आम लोगों की सुविधा के लिए बिहार में ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था लागू हैं । भले ही यह सुनने में आपको अटपटा लगे की मोबाइल गुम होने पर तो सनहा दर्ज कराने के लिए थाने में पैरवी कराना पड़ता है, गिड़गिराना पड़ता हैं । लेकिन सच्चाई यह है की अगर आप जागरूक है तो हकीकत में ऑनलाइन एफआईआर होता हैं और उसे सीसीटीएनएस पोर्टल पर अपडेट भी होता हैं । हालाँकि मैनुअल एफआईआर की कॉपी पोर्टल में अपडेट करने पर 8-10 दिन लग जाता हैं । जबकि पोर्टल पर एफआईआर अपडेट के लिए थाना मैनेजर पदस्थापित है कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर चावल चोरी का आरोप ,

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