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46वीं पुण्यतिथि के अवसर पर याद किए गए स्वर सम्राट मुकेश चंद माथुर

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जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 27 अगस्त :

गायन की दुनियां में जब भी दर्द भरे गीतों की बात होती है तो गायक मुकेश का नाम स्वतः जुवान पर आ जाता है और उनके नगमे गुनगुनाने लगते हैं। स्वर्गीय मुकेश चंद माथुर के 46वीं पुण्यतिथि के अवसर, पर देव एंड फ्रेंड्स म्यूजिकल ग्रुप,खगौल ( पटना )  की ओर से " मुकेश तेरी याद में " श्रद्धांजलि सांस्कृतिक कार्यक्रम, आरकेड बिजनेस कॉलेज, खगौल सगुना रोड ( पटना ) में शनिवार को आयोजित किया गया।  कार्यक्रम की शुरुआत स्व.मुकेश के तस्वीर पर आयोजक देव कुमार लाल, पद्मश्री डॉ शांति राय, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉक्टर कर्नल एके सिंह, आशीष आदर्श, डॉक्टर सारिका राय, डॉ क्रांति भावना, डॉक्टर सुदीप कुमार, डॉ.दीपा नविता भट्टाचार्य, डॉ. अमित पाटिल आदि ने उनके तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया। पुष्प अर्पित करने के बाद सभी लोगों ने स्व.मुकेश एवं देव एंड फ्रेंड्स म्यूजिकल ग्रुप के बारे में अपने-अपने विचार व्यक्त किया। 

श्रद्धांजलि सांस्कृतिक कार्यक्रम के शुभारंभ में जाने-माने गायक रामकुमार लाल ने "....जाने चले जाते हैं कहां, दुनिया से जाने वाले ..." गा कर स्व.मुकेश को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इसके बाद धीरेंद्र सिन्हा ने "...दोस्त दोस्त ना रहा, प्यार प्यार ना रहा", निवासन रमन ने  "तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं", शांतनु मित्रा ने "तौबा ये मतवाली चाल", बंधन बैंक के हेड अनुराग श्रीवास्तव ने "कहीं दूर जब दिन ढल जाए" आदि गीतों की लरी लगा  दी। वहीं बिहार की जानी-मानी गायिका मेलोडी क्वीन नंदिता चक्रवर्ती ने मुकेश के द्वारा गाये गीत "आज तुमसे दूर रहकर, कैसे रोया मेरा प्यार",गा कर सबों का मन मोह ली।  कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का केन्द्र मेलोडी किंग प्लेबैक सिंगर नितेश नमन ने कुछ गीतों की लड़िया रखी, जिसमें सारे गाने मुकेश द्वारा गाए हुए थे | वहीं भारत के जाने-माने कथक नृत्यांगना ने मुकेश के भजन "जीना यहां मरना यहां", पर भावनृत्य प्रस्तुत कर श्रद्धांजलि समर्पित किया | नृत्य की अगली कड़ी में देव आर्ट एंड म्यूजिक स्कूल के 3 बच्चे वंशिका कौशिक समृद्धि गुप्ता एवं ख्याति सौरव ने मुकेश जी द्वारा गाए गीत "दुख हरो द्वारिकानाथ" पर मनभावन नृत्य किया, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। कार्यक्रम का एक और आकर्षण देव आर्ट एंड म्यूजिक स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने भी श्रद्धांजलि तबला बजा कर दी।  जिस में अद्वय सुकृत, अद्विक बनर्जी ,आरव, प्रियांशु रंजन,अविरल,चैतन्य शेखर,अगस्त्य ने भाग लिया |

अंत में अतिथियों एवं दर्शकों के विशेष फरमाइश पर देव कुमार लाल ने खुद तबला पर ....कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे...अपनी प्रस्तुति से सब का मन मोह लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में संगत कलाकारों में कीबोर्ड पर रवि रंजन सिन्हा मुकेश द्वारा गाए हुए सभी गीतों पर हूबहू म्यूजिक बजाया जो बड़ा ही सराहनीय था। ऑक्टोपैड पर संतोष कुमार सिन्हा, गिटार पर यश राज एवं तबला ढोलक पर खुद देव कुमार लाल संगत कर रहे थे। कार्यक्रम का संचालन स्वयं देव कुमार ने किया। अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार मोहन कुमार, जीकेसी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा,  पत्रकार सुधीर मधुकर, जीकेसी बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक, जीकेसी पटना जिला अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव,  दीपक श्रेष्ठ, जीकेसी सह प्रभारी बिहार झारखंड अनुराग समरूप उपस्थित थे।

सर्वविदित है कि मुकेश का जन्म 22 जुलाई, 1923 को दिल्ली में हुआ था. इनका विवाह ‘सरल’ के साथ हुआ था। मुकेश और सरल की शादी 1946 में हुई थी। मुकेश के एक बेटा और दो बेटियाँ हैं, जिनके नाम है:- नितिन, रीटा और नलिनी। मुकेश के पोते ‘नील नितिन मुकेश’ बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता है।  राज कपूर की आवाज कहे जाने वाले मुकेश आज भी संगीत प्रेमियों के दिल पर राज करते हैं। उनको हिंदी के क्लासिक गानों के लिए आज भी याद किया जाता है। मुकेश ने राज कपूर के लिए 'दोस्त-दोस्त न रहा', 'जीना यहां मरना यहां', 'कहता है जोकर', 'दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई', 'आवारा हूं' और 'मेरा जूता है जापानी' जैसे पॉपुलर गाने गाए हैं। मुकेश भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी मशहूर रहे हैं। मुकेश को हिंदी सिनेमा में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। पंखुरी श्रीवास्तव ने अपनी नृत्य प्रस्तुति से उपस्थित लोगों को झूमने और तालियाँ बजाने पर विवश कर दी। कार्यक्रम में  रंजीत प्रसाद सिन्हा, कुमार अमिताभ मोनू, बी के कर्मचारी गण, देव आर्ट एंड म्यूजिक स्कूल के सभी अभिभावक शामिल थे ।

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