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बाल परिवहन समिति की प्रथम जिला स्तरीय बैठक

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 जिला पदाधिकारी श्री रिची पाण्डेय की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में जिला बाल परिवहन समिति की प्रथम जिला स्तरीय बैठक सभी निजी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रतिनिधियों के साथ संपन्न किया गया ।बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी श्री मनोज कुमार द्वारा बताया गया कि बाल परिवहन समिति चार स्तर पर कार्यरत है, जिसमें प्रथम स्तर पर राज्य में ,द्वितीय स्तर पर प्रमंडल  में , तृतीय स्तर पर जिला में तथा चतुर्थ स्तर पर विद्यालय में कार्यरत है। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 43 विद्यालयों द्वारा विद्यालय बाल परिवहन समिति का गठन कर लिया गया है, जबकि जिले में कुल 136 विद्यालय निबंधित है तथा 17 का जांच किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने बताया कि बच्चों के सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु जिला स्तर एवं विद्यालय स्तर पर बाल परिवहन समिति का गठन करना अनिवार्य है। विद्यालय वाहनों के सुरक्षित परिचालन एवं उसका उपयोग करने वाले छात्र /छात्राओं के जीवन रक्षा एवं सुरक्षित यातायात के लिए विद्यालय वाहनों के परिचालन का विनियम अनुसूची 7 का अनुपालन करना अनिवार्य है। जिसका मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों को विद्यालय ले जाना तथा उसे सुरक्षित वापस घर लाना है। जिला पदाधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि प्रतिनियुक्त चालको /परिचरो के लिए मानसिक    एवं शारीरिक मापदंड का निर्धारण एवं वाहन चालन के स्थापित अधिनियम के अनुसार किया जाए ।स्कूल प्रबंधन या उसके प्रधानाचार्य / निदेशक या स्कूल के किसी अन्य पदाधिकारी के नाम पर विधिवत पंजीकृत सभी प्रकार के वाहन होना अनिवार्य है l

छात्रों के सुरक्षा हेतु परिवहन के लिए निजी ऑपरेटर एवं विद्यालय प्रबंधन के बीच समझौते के तहत किराया अथवा लीज पर संचालित स्कूल वाहन या अन्य सभी श्रेणी के विधिमान्य वाहन जो स्कूली बच्चों को विद्यालय अथवा अभिभावक की सहमति से किसी विद्यालय के छात्रों का नियमित रूप से परिवहन कर रहे हो। जिला परिवहन पदाधिकारी ने  निदेश दिया की सभी विद्यालय के वाहन की बॉडी सुनहरे पीले रंग की होगी ।विद्यालय के पहचान के लिए बस के बॉडी पर खिड़की के स्तर के नीचेसभी ओर न्यूनतम 150 मि. मी. चौड़ा सुनहरा भूरा रंग का एक बैंडपेंट जिस पर स्पष्ट अक्षरों में विद्यालय का नाम लिखा जाना अनिवार्य होगा। यदि विद्यालय द्वारा बस या अन्य वाहन किसी वाहन ऑपरेटर से रिलीज अथवा किराए पर लिया गया है तो बस के पीछे और सामने स्पष्ट रूप से ऑन स्कूल ड्यूटी प्रदर्शित करना होगा। सभी वाहनों में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना अनिवार्य होगा। वाहन में अग्निशामक यंत्र लगाना भी अनिवार्य होगा ।साथ ही प्रत्येक स्कूल वाहन में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के तहत भी .एल. टी.डी. और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा। वाहनों में बस या स्कूल वाहन को जी.पी.एस. युक्त होना अनिवार्य होगा। दिव्यांग छात्रों  के लिए स्कूल बस या अन्य वाहनों में ऐसी सुविधाएं होनी चाहिए की उन्हें वाहन चढ़ने में परेशानी नहीं हो ।साथ ही स्कूली बच्चों के परिवहन में संलग्न बस एवं अन्य सभी प्रकार के वाहनों का पंजीकरण व्यवसायिक यात्री वाहन के रूप में होगा। साथ ही 8 वर्ष तक के नए वाहनों को द्विवार्षिक एवं अन्य सभी स्कूली वाहनों को वार्षिक फिटनेस प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। बसों के बॉडी का डिजाइन भारत सरकार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप होगा। बस के सामने एवं पीछे बाहरी भाग के तल पर स्कूल के प्रतीक चिन्ह को काले रंग के तल पर सुनहरे पीले रंग से अंकित करना अनिवार्य होगा। साथ ही प्रत्येक स्कूल बस में दो आपातकालीन द्वार होंगे - पहला बस के दाहिनी ओर पिछले आधे भाग में और दूसरा बस के पीछे की ओर होगा। 14 सीट तक के वाहनों के लिए अतिरिक्त आपातकालीन द्वार की आवश्यकता नहीं होगी। बस के आपातकालीन निकास द्वार के ऊपर बस के अंदर और बाहर दोनों तरफ से सफेद पृष्ठभूमि पर लाल रंग से आकस्मिक निकास  प्रमुखता से लिखा जाएगा ।बस की खिड़कियों को क्षतिज ग्रिल के साथ कीट किया जाएगा ।स्कूल बस में सी.सी.टी.वी. को अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा, ताकि यात्रा के दौरान वाहन की गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा सके। सी.सी.टी.वी .फुटेज 60 दिनों तक स्कूल प्रबंधन को संरक्षित करना होगा ।बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विद्यालय प्रबंधन समिति में परिवहन प्रभारी नियुक्त किया जाना है एवं इसकी सूचना जिला परिवहन पदाधिकारी को दिया जाएगा। साथ हीं प्रधानाचार्य परिवहन प्रभारी के माध्यम से स्कूल बसों एवं स्कूली वाहनों में निर्धारित मानकों का अनुपालन किया जाएगा ।जिला पदाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को नियमित रूप से जांच करने का निर्देश दिया।

          यूथ एजेंडा   विगन कुमार की रिपोर्ट

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