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दुर्दशा राजधानी पटना ,बिजली की लटकती तारे ,

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खबर पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र की हैं जहां बिजली विभाग के अफसर अपना लापरवाह रवैया छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जर्जर तारों को बदलने के लिए दावे तो खूब किये थे सरकार ने मगर सारी कवायदें कागजों तक ही सिमटी रहीं। किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।नतीजा उपभोक्ता दुर्व्यवस्था का दंश झेलने को विवश हैं।  कई जगह पेड़ों की डालियां तारों से सटी है, जिससे हवा चलने पर चिंगारियां निकलती हैं। कई बार तार टूट कर गिर भी गए है। ढीले होकर नीचे लटक रहे तार कहीं हाथों से छू जा रहे हैं तो कहीं पेड़ों के बीच से गुजर रहे हैं। तेज हवा चलने पर इन तारों के टकराहट से होने वाली स्पार्किंग हादसे का कारण बन सकती हैं l

जो अंडरग्राउंड केबल जमीन के नीचे होनी चाहिए, वे जमीन से बाहर दिखाई दे रही हैं और जो तार ऊंचाई पर होने चाहिए वे लोगों के सिर पर लटक रहे हैं। हालत ये है कि कई जगह ये तार इतने नीचे लटके हैं कि हाथ बढ़ाकर इन्हें छू सकते हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। रात को जब इस सड़क से ट्रक या कोई बड़ी वाहन गुजरती हैं तब हादसे का आशंका कई ज्यादा बढ़ जाता हैं क्यूंकि बिजली की तारें इतनी नीचे लटकती हैं की वो कभी भी वाहन से टकरा कर बड़े हादसे का रूप ले सकती हैं ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और किसी की जान भी जा सकती। जहां हादसा होने का डर बना रहता है वहीं शॉर्ट सर्किट होने का खतरा भी रहता है।
इतना ही नहीं बल्कि आसपास के एरिया में रहने वाले लोगों के घरों में इस्तेमाल किए बिजली उपकरण के भी खराब होने की संभावना बनी रहती है।

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