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डेंगू बीमारी से गौरखपुर है परेशान सरकार अवेयर नही ,

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गोरखपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या 205 पहुंच चुकी है. बड़ी संख्या में गोरखपुर जिले के बाहर के मरीज भी यहां पर आकर इलाज करा रहे हैं. गोरखपुर मंडल के साथ-साथ बिहार के कई जिलों के मरीज गोरखपुर में इलाज कराने के लिए आते हैं. डेंगू से पीड़ित बिहार के सिवान जिले के अंगौला गांव के रहने वाले धन्नु कुमार गुप्ता का कहना है कि गोरखपुर की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत बेहतर हैं. धन्नु कुमार कहते हैं कि जब 9 नवम्बर को सिवान में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो वो गोरखपुर जिला अस्पताल आ गये और 10 नवम्बर की भोर में 2 बजे जिला अस्पताल में भर्ती हो गयें. यहां पर उनका बहुत बेहतर इलाज चल रहा है.

बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए धन्नु कुमार कहते हैं वहां अस्पताल के नाम पर सिर्फ एक कमरा है और कुछ भी नहीं है. वहां की सरकार को गोरखपुर से बहुत कुछ सीखना चाहिए. तेजस्वी यादव तो अभी आये हैं, पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो 15 सालों से मुख्यमंत्री हैं. लेकिन इसके बावजूद अभी भी बिहार के अस्पतालों की दशा नहीं सुधरी है. धन्नु अपने सीएम को नसीहत देते हुए कहते हैं कि अगर उन्हे डेंगू हो जाए तो बाबा के अस्पताल (जिला अस्पताल गोरखपुर) में आकर इलाज कराना चाहिए. उनको यहां पर आकर स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में समझना चाहिए. किस तरह से हर मरीज का ध्यान यहां पर रखा जा रहा है और सभी सुविधाएं किस तरह से उपलब्ध हैं.

बिहार से रोजाना सैकड़ों मरीज गोरखपुर आते हैं

धन्नु कहते हैं कि वो खुद यहां भर्ती होने से पहले दो लोगों का इलाज भी करवा चुके हैं. यूपी बार्डर से सटे हुए बिहार के कई जिले, जिसमें सिवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण के लोग इलाज के लिए अधिकतर गोरखपुर पर ही निर्भर हैं. इन जिलों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज गोरखपुर इलाज कराने आते हैं. जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज, एम्स से लेकर प्राइवेट अस्पतालों की तरह मरीजो की इलाज होती है.

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