प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान हमने देखा लोग गांव में आसानी से शराब पी रहे हैं। नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग ही शराब का सेवन करते हैं। उनके मंत्री पीते हैं इसमें कोई नई बात नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान हमने देखा लोग गांव में आसानी से शराब पी रहे हैं। नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग ही शराब का सेवन करते हैं। उनके मंत्री पीते हैं इसमें कोई नई बात नहीं है। जब कोई शराब नहीं पी रहा है तो छपरा में 70 लोगों की मौत कैसे हुई। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के मंत्री-विधायक मृतकों के परिजनों से मिलने तक नहीं जा रहे हैं।
नीतीश कुमार यदि आप गांधीजी को जरा भी जानते हैं तो दिखा जहां महात्मा गांधी ने राज्य में शराबबंदी लागू करने को लेकर बात कही हो। प्रशांत ने आगे कहा कि नीतीश कुमार अपनी सुविधा के अनुसार गांधीजी का इस्तेमाल करते हैं। कभी असुविधा होती है तो भाजपा के साथ बैठ जाते हैं, अगले दिन समाजवादी बनकर फिर लालू जी के साथ बैठ जाते हैं। नीतीश कुमार समाजवाद का ढोंग करके, अब शराबबंदी लागू कर गांधीवादी बनने की कोशिस कर रहे है।
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